कुछ हंसी मज़ाक शायरी - 4
उल्फत ने कर दिया हैरान
अच्छे भले थे हम पहलवान
सभी ने ठुकरा दिया और खुद से भी खो गया
दिल मेरा किसी रोहिंग्या रिफ्यूजी जैसा हो गया
तुम बिन जीवन क्या खाक बिताते
बस वक़्त को मारते रहे हम लातें
ग़र हम तुम दोनों मिल कर एक हो जाते सनम
नारियल और चमेली के तेलों की खुशबुओं का भी हो जाता संगम
मेरे इश्क़ का मसला हरदम तमाम था
जब भी दीदार हुआ मुझे जुकाम था
हर क्लास मे हमें फेल होने का तजुर्बा है सनम
पर फेल मुहोबत को नहीं पायेंगे झेल हम
जिंदगी उसकी जुल्फ के साये में गुज़र जाती
वो भी उम्र भर मेरे हाथ से बने परांठे खाती
स्फूर्ति सी आ गई है वो जबसे हम पर मरने लगे हैं।
आजकल हम हर काम भाग भाग कर करने लगे हैं
अपनी बेवाक़ूफ़िओं से अब बहुत घबरा गए हैं हम
अब सब कुछ तुमही से पूछ कर किया करेंगे सनम
अब सब कुछ तुमही से पूछ कर किया करेंगे सनम
पहले इश्क़ तो चढे परवान
फिर पकड़ेंगे हम कोई काम
फिर पकड़ेंगे हम कोई काम
हमारे मासूम इश्क़ के राह में फिर आ गयी एक गहरी खाई
जिसके कान पर दो जड़ें थें हमने वो निकला उसका भाई
एक तुम्ही हो जो हमसे करवा सके कुछ काम
ये देख कर सारी दुनिआ भी हो गई है हैरान
दिल तोड़ कर मेरा उसके घर में ख़ुशी मनाई जा रही है
आज फिर उसके चौबारे से हलवों की खुशबू आ रही है
ये निगाहें ये अदाएं ये अंदाज उनका
हाज़मा भी काबिले तारीफ है उनका
और तालीम का अब क्या करेंगे हम
जब तुम्हे हर शय का पता है मेरे सनम
हफ्ते से नाक बह रहा है ज़रा एक बार तो मिलने आओ सनम
तुम्हारे बस एक दीदार से घोड़ों की तरह कायम हो जायेंगे हम
आवारा घोड़ों की तरह बेलगाम घुमते थे हम
अब सब ठीक है जबसे मिल गये हैं सनम
फ़ोन उठा लिया करो सनम चलायें कुछ दिल की बातों की
दिनों को तो हम बिजी होते हैं पर सिर्फ प्रॉब्लम है रातों
की
तरसती है नजर दीदार को बस देख ले तुमको
दीवारों पर लटक कर कई पाजामे फटवाये मैंने
माना हमारे गांव
में रबड़ी खोया नहीं मिलता सनम
पर तुम्हारी खातिर ही यह बुलेट खरीद लाये हैं हम।
हम रोज रातों को अश्कों से तकिये भिगोते हैं
तमाम भंडारे सनम की गली में ही क्यों होते हैं
इज़हार-ए-इश्क़ का एक और मौका गवा आये हम
उनकी महफ़िल में पजामा उल्टा पहने चले आये हम
उन्होंने भी ठुकरा दिया और न अपना रहा
ये दिल मेरा रोहिंग्या रिफ्यूजी सा हो गया
रुला भी देते हैं फिर बहला भी देते हैं दिल हमारा
संगेमरमर
ऑंखें तो सूख जातीं हैं पर हमारा नाक नहीं थमता दिन भर
उल्फत का इतने बोझ उठाये फिरते हैं सीने पर एक दिन हम मिट
जायेंगे
अगर तुलवा सको तो बतादें सनम इतना बोझ दो गधे भी नहीं उठा
पायेंगे
तुम्हारी याद मे क्या बतायें
हम जिंदगी कैसे जीते हैं
सुबह से चाय बनाते हैं
और सारा दिन भर पीते हैं
कोई संगेमरमर को
बतादे
जो कहते थे हम उनके बिना जी नहीं पायंगे
पूरा पीपा ले आयें हैं असली घी का
फुर्सत ही अब मिली है अब हम जशन मनायेंगे
जो कहते थे हम उनके बिना जी नहीं पायंगे
पूरा पीपा ले आयें हैं असली घी का
फुर्सत ही अब मिली है अब हम जशन मनायेंगे
तुम्हे हम पहले से ही क्लियर कर देते हैं ये बात
ऐ जानेजाना; मोहोब्बत में हमने हमेशा खाई है लात
ऐ जानेजाना; मोहोब्बत में हमने हमेशा खाई है लात
हम मिट कर भी तुम्हारा साथ न छोड़ेंगे
तुम्हारे घर में घुसकर रातों को बर्तन तोड़ेंगे
तुम्हारे घर में घुसकर रातों को बर्तन तोड़ेंगे
वो हमारी खुशबू से ही जो खिचे चले आते हैं।
उनको कोन बताये हम बालों में देसी घी लगते हैं।।
ये इश्क़ की खामोशियां
ये मदहोशियां
जब भी बाज़ार जाते हैं
हम जेब कटवा आते हैं।
ये मदहोशियां
जब भी बाज़ार जाते हैं
हम जेब कटवा आते हैं।
उन्होंने मुस्करा कर क्या देखा ये दिल हमारा खो गया।
जब दूसरी बार फिर हुआ तो पक्का कन्फर्म हो गया।।
मेरे बेदिमाग सनम को कोई समझाये
मूली से परांठे ओर गाजर से हलवे बनाये।
मूली से परांठे ओर गाजर से हलवे बनाये।
आईन्दा कोई किताब न देना
सनम हम पढ़ नही पायंगे।
कोई ओर हुकम तो देकर देखो
हम पहाड़ खोद लायेंगे
सनम हम पढ़ नही पायंगे।
कोई ओर हुकम तो देकर देखो
हम पहाड़ खोद लायेंगे
हमसे हमारी तालीम मत पूछो सनम
ये हैं सब फितरतों के खेल
बस्ता सबसे भरी होता था हमारा
फिर भी होते थे हर क्लास में फ़ेल।
जबसे हुई है पड़ोस में सेटिंग
अपनी फ़जीहत के ख़तरे होने लगे हैं
कभी चोर के पीछे भागना पड़ जाये
हम पजामे नये पहन कर सोने लगे हैं
जिंदगी में कभी एक भी पल
हमने बेकार नहीं किया जाने ज़ाना
बाज़ारों में तुम्हारा इंतज़ार करते करते
हम सीख गए जलेबियाँ और भल्ले बनाना
हम जब भी बात चलातें हैं चाँद चकोरी की
उनको तलब लग जाती है चाट पकोड़ी की
आपकी खातिर हम चाँद तोड़ डालेंगे पहाड़ घसीट लायेंगे
बस सिर्फ इतनी गुजारिश है की हम बोतल न छोड़ पायेंगे
तुम से बिछड़ कर जी नहीं सके सनम।
सिर्फ वक़्त को लातें मारते रहे हैं हम।।
हमने सिर्फ मांगा था उनसे दिल।
वो थमा गए अपने सारे बिल।।
उड़ी है प्यार की खुशबु जबसे
हमारे नथुने फड़क रहे हैँ तबसे।
तुम मासूम हो नादान हो और तुम क्या जानो घोड़े गधे में फर्क
जिसे तुमने दिल में बिठा रखा है वो कर देगा तुम्हारा बेडा गर्क
जब तुमने दिल किसी ओर के साथ लगाया था।
फ़ोन पर बीसों घंटे हमारा दिमाग क्यों खाया था।।
उनकी भैंस हमीं ने छुपाई फिर हमीं ने ढूंढ़वाई
मुहोब्बत की खातिर क्या क्या तिकड़म लगाई
इस दुनिआं और जहान की सब रस्मे तोड़ डालेंगे
तुम्हारी खातिर अपने बाप की गोलक फोड़ डालेंगे
जबसे ये निगाहें चार हुईं हैं उससे
अपना किरदार निभा रहा हूँ
वो मुझे जानवर का डॉक्टर समझे बैठी हैं
उसकी भैंसों को रोज इंजेक्शन लगा रहा हूँ
जबसे है इस सीने में इश्क़ का तूफ़ान
तभी से फेल हो रही है हमारी दूकान
आइंदा न आना बालम तुम इधर
म्हारी भैंसें तुम्हे डाक्टर समझतीं
तुम्हे देख कर मछड़-बिगड़ जाती
दूध न देतीं और दिनभर उछलतीं
एक दिन हम मिट जायेंगे भूत बनकर तुम्हें चिपट जायेंगे
जीते जी न मिल सके पर मर कर मामले निपट जायेंगे
तुम्हारे घर वाले तुम्हारे सर पर डमरू चिमटे बजवायंगे
जिस मर्जी बाबा को बुला लेना हम कभी नहीं दूर जायेंगे
तुम ये मत पूछो कैसे गुज़रीं घड़िआं तुम्हारे इंतज़ार में
तीस रूपये की मूंगफलियां हम खा गए बीच बाजार में
एक दिन आप हमको मिल जायेंगे जब
हम loan आपके नाम भी ले आयेंगे तब
उसके घर के सामने
दिया तम्बू लगा दिखाई
हो गया हमारा भेजा फ्राई
जब बात समझ में आई
यहाँ तो जगराता है भाई
तब जान में जान आई
तुम्हारी भैंस हम दुगने की लेंगे अभी खरीद
पर वादा करो दिल को रखोगे हमारे करीब
अगर आप मिल जायें मेरा मुक्कदर बदल जाय
जैसे किसी लुढ़कते हुए लोटे को पेंदा लग जाये
किसे मालूम था ये हमारा बुलेट
उसकी गली में खराब हो जायगा
धमाका पटाखा ख़ूब करेगा पर
नहीं चलेगा और धक्के लगवायेगा
ये दांत एक इंच कम होते
उनके दिल में हम होते
मेरी उल्फत भी सरकारी अफसर सी हो गई है
पैसा खाती है और बाकी सब कुछ टाल जाती है
हर वक़्त महक तुम्हारा ख्याल तुम्हारा और तुम्ही ख़्वाबों में समाये
कल हम बोतल ले कर बैठे थे और पकोड़ों में भी तुम्ही नजर आये
तुम आओ न आओ पर हर वक़्त हर जगह करते रहते हैं तुम्हारा इंतजार
बसों में भी एक तुम्हारी सीट घेरे रखते हैं चाहे होती रहे कितनी कूटमार
हम भी तुम्हारे ये दिल भी तुम्हारा जाने ज़ाना
तुम सिर्फ हमारे फ़ोन को हाथ मत लगाना।
किसे मालूम था पड़ जायगा महंगा ये शौंक धौंस जमाने का
अब भुगत रहे हैं हम अंजाम उसके बाप से भिड़ जाने का
अगर न ही रेलगाड़ी में आँख लगती
और न ही हमारी आधी मुंछ कटती
काश एक कैंची रखी होती साथ में
चेहरा न छुपाते अपने ही हाथ में।
मस्ती थी बहारों में, खुश्बू थी फ़िज़ाओं
में, वो साथ में हमारे
थे
वो गश खाकर गिर गए जैसे ही हमने अपने जूते उतारे थे
यक़ीन मानो सनम हम गप्प नहीं हांकते हैं
बिना तुम्हारे दीदार हम निवाला नहीं फांकते हैं
रोज सुबह चौबारे से तुम्हे ही झांकते हैं
कल शाम ही उनका रिचार्ज करवाया था
फिर रात भर उनका
फ़ोन बिजी आया था
उनका पैगाम कहीं बीच राह में ही खो गया है
नेट डाउन है और हमे हार्ट अटैक सा हो गया है
नेट डाउन है और हमे हार्ट अटैक सा हो गया है
पहले इश्क़ में नाम करेंगे
फिर कोई दूसरा काम करेंगे
सब्जीमण्डी में उनको देखा करते मोल भाव
आज हरे हो गए दिल के पुराने घाव
गर वो हो गए होते हमारे
ना फेल हुए होते धंधे सारे
धीरे धीरे से मेरी ज़िन्दगी में आना
धीरे धीरे से दिल को चुराना
तुमसे प्यार हमें है कितना जाने जाना
पर फ़िलहाल किसी दूसरे से रिचार्ज करवाना
उसके खत जला डाले उसके अक्स अपने फ़ोन से मिटा डालें
और तो और यारों हमने उसके रूमालों के पोंछे बना डाले
आ जाओ जिंदगी में अब और न तड़फाओ हमे हमें
कितनी हसरत से तकती हैं हमारी भैंसे भी तुम्हें
ये ठंडी मद मस्त हवायें तुम्हारी जुल्फें लहरायें प्रिये
पर हमारी चिकनी टांट से टोपी उड़ उड़ जाये प्रिये
उसके खत उसके सपने और उसकी यादें तक दफना आये
हम उसकी शादी पर बाकायदा वर्दी पहन कर बैंड बजा आये